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हो सके तो ऐसे हैवानों को इनके मुह में भी पटाखों से भरे लड्डू खिला देने चाहिए|

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केरल में एक ऐसी घटना सामने आई है, जिसे सुनकर आपके रौंगटे खड़े हो जाएंगे| यहां कुछ लोगों ने एक गर्भवती भूखी हथिनी को अनानास के बीच पटाखे डालकर खिला दिए| ये पटाखे हथिनी के मुंह में फट गए| इससे हथिनी के साथ-साथ उसके पेट में पल रहा बच्‍चा भी मर गया| सोचने मात्र से ही ये अनुभूति अंतर्मन को झकझोर देती है| इस अमानवीय घटना को वन विभाग के एक कर्मचारी ने अपने कैमरे में कैद कर लिया था| अब इस घटना के फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसके बाद लोगों में काफी नाराज़गी देखने को मिल रही है| दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग भी हो रही है| ये गर्भवती हथिनी जो अब हमारे बीच नहीं है इसकी गलती इतनी थी की ये... "इंसानों पर विश्वास कर बैठी" हैवानियत से भरी इस दुनियां के कथित इंसानों ने एक गर्भवती बेजुबान जनावर की जान लेली.. इसका कसूर बस इतना था कि ये एक गांव के तरफ आयी ताकि कुछ खाने को मिल जाये| उसे लोगो से उम्मीद थी कि ये कुछ खाने को जरूर देंगे| गाँव के कुछ लोगो ने दिया भी एक अनानास.. जैसी ही इस हथिनी ने उसे अपने मुह में लिया वैसे ही उसका मुंह फट गया क्योंकि अनानास देने वाले दरिन्दों ने...

जलता अमेरिका "बंकर" में ट्रंप गृह युद्ध जैसे हालात

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मानसिक प्रताड़ना से चीख़ते लोग, ये एक बेहद सेंसटिव सेन्टेंस है... ये बहुत संवेदनशील वाक्य है! इसे सिर्फ़ जॉर्ज फ़्लॉइड की मौत से जोड़कर नहीं देखा जा सकता! जॉर्ज फ़्लॉइड अमेरिकन अश्वेत नागरिक थे जिनको मामूली चाय कैफे की उधारी पर की गई रिपोर्ट पर एक श्वेत पुलिस वाले ने गर्दन पर पूरे 9 मिनिट तक घुटने से दबा कर रखा! जॉर्ज बार-बार कहते रहे "I can't breath" पर नस्सली घृणा से भरे हुए श्वेत पुलिस कर्मी ने उनको नहीं छोड़ा और जॉर्ज की मृत्यु हो गयी! 25 मई 2020 के बाद से सारा कैनेडियन और अमेरिकी समाज सरकार के विरोध में सड़कों पर है! गृह युद्ध जैसे हालात हो गए हैं! उनका विरोध का नारा है "I can't breath"  पर ये नारा सिर्फ फ़्लॉइड की मृत्यु औऱ उन पर हुए अत्याचार का करुण नारा नहीं बल्कि दुनिया के हर हिस्से में, कहीं पर भी की जाने वाली, किसी भी तरह की मानसिक या शारीरिक हिंसा की करुणा भरी चीत्कार है! स्वयं को जाति धर्म या रहन-सहन के आधार पर श्रेष्ठ समझना इस दुनिया की सबसे अधिक घिनौनी बीमारी है! अब भी समय है कि हम दुनिया के किसी हिस्से में, किसी भी कारण से उपजी घृणा और हिंसा के बीच...